प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज मन की बात के 99वें एपिसोड में भारतीयों को संबोधित किया। इस एपिसोड में उन्होंने कई मुद्दों पर चर्चा की जिसमें एक मुद्दा रहा ‘अंगदान’ का भी रहा। मन की बात में प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों को अंगदान के प्रति जागरुक किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 तक भारत में पांच हजार के करीब अंगदान के मामले सामने आए थे जिनकी संख्या अब बढ़कर 15 हजार के पार हो चुकी है।
पीएम मोदी ने कहा कि ‘हमारे देश में परमार्थ को इतना ऊपर रखा गया है कि दूसरों के सुख के लिए, लोग, अपना सर्वस्व दान देने में भी संकोच नहीं करते। हमने बचपन से ही शिवि और दधीचि जैसे देह-दानियों की गाथाएँ सुनी हैं। उन्होंने बताया कि जब एक व्यक्ति मृत्यु के बाद अपना शरीर दान करता है तो उससे 8 से 9 लोगों को एक नया जीवन मिलने की संभावना बनती है।
पीएम मोदी ने कहा कि जो लोग अंगदान का इंतजार करते हैं वो जानते हैं कि, इंतजार का एक-एक पल गुजरना, कितना मुश्किल होता है। ऐसे में जब कोई अंगदान या देहदान करने वाला मिल जाता है तो उसमें ईश्वर का स्वरूप नजर आता है। पीएम मोदी ने मन की बात में बताया कि अंगदान को प्रोत्साहित करने के लिए पूरे देश में एक जैसी पॉलिसी पर काम किया जा रहा है। राज्यों के डोमिसाइल की शर्त को हटाने का निर्णय भी लिया गया है। इसका मतलब है कि देश के किसी राज्य में जाकर मरीज अंग प्राप्त करने के लिए रजिस्टर करवा सकता है। सरकार ने अंगदान के लिए 65 वर्ष से कम आयु की आयु-सीमा को भी खत्म करने का फैसला लिया है। पीएम मोदी ने लोगों से आग्रह किया है कि ऑर्गन डोनर ज्यादा से ज्यादा संख्या में आए और जिंदगी बचाए।
मन की बात में पीएम मोदी ने उस माता-पिता से बात कि जिनकी बच्ची 6 महीने के आस-पास ही गुजर गई थी। बच्ची के माता-पिता ने उसके अंगदान करने का फैसला किया। पिता सुखबीर सिंह संधू और उनकी पत्नी सुप्रीत कौर ने पीएम मोदी को बताया कि इनकी बच्ची का अंग किसी के काम आ जाता है तो ये भले का काम होगा। हमें गर्व महसूस हुआ क्योंकि हमारी बेटी भारत की सबसे कम उम्र की डोनर बनीं है।