छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कांग्रेस का 85वां अधिवेशन चल रहा है। जिसके तीसरे और आखिरी दिन राहुल गांधी ने भी स्पीच दी। राहुल ने भाषण में भारत जोड़ो यात्रा, अडाणी हिंडनबर्ग केस, चीन पर जयशंकर के बयान और 2024 लोकसभा चुनाव समेत कई मुद्दों पर बात की।
भाषण में राहुल ने अपने 1977 का एक किस्सा भी सुनाया, जिसमें उन्हें पहली बार अहसास हुआ था कि उनके पास अपना घर नहीं है। उन्होंने कहा 1977 की बात है। चुनाव आया, मुझे उसके बारे में कुछ भी मालूम नहीं था। घर में अजीब सा माहौल था। मैंने मां से पूछा मम्मी क्या हुआ। मां कहती हैं कि हम घर छोड़ रहे हैं। तब तक मैं सोचता था कि वो घर हमारा था। मैंने मां से पूछा हम घर क्यों छोड़ रहे हैं। पहली बार मां ने मुझे बताया कि ये हमारा घर नहीं है। ये सरकारी घर है। अब हमें यहां से जाना है। मैंने पूछा कहां जाना है तो कहती हैं कि नहीं मालूम कहां जाना है। मैं हैरान था। मैंने सोचा था कि वो हमारा घर था। 52 साल हो गए है और मेरे पास आज भी अपना घर नहीं है। इन बातें को सुनकर सोनिया गांधी भी भावुक नज़र आईं।