हिमाचल प्रदेश में हाइड्रल प्रोजेक्ट्स पर वाटर सेस लागू कर दिया गया है। ऐसी उम्मीद है राज्य सरकार को इससे हर साल एक हजार करोड़ रुपए की इनकम होगी। सरकार इन हाइड्रल प्रोजेक्ट्स से प्रति घनमीटर 0.10 पैसे से 0.50 पैसे के हिसाब से वाटर सेस वसूलेगी। सेस वसूलने के लिए एक आयोग बनाया जाएगा, जिसमें अध्यक्ष समेत 4 मेंबर होंगे। आयोग के यह सदस्य प्रशासनिक, लीगल और अनुभव के आधार पर नियुक्त किए जाएंगे।आर्थिक तंगी से जूझ रही हिमाचल सरकार ने राजस्व बढ़ाने के उपायों पर काम शुरू कर दिया है। इसी मकसद से पानी से बिजली बनाने वाले हाइड्रल प्रोजेक्ट्स पर वाटर सेस लगाने का फैसला लिया गया। राज्य सरकार ने इसके लिए हिमाचल प्रदेश वाटर सेस ऑन हाइड्रो पावर जनरेशन विधेयक 2023 बनाया है। ये 14 मार्च से शुरू होने वाले बजट सेशन में पेश किया जाएगा।
बता दें कि पड़ोसी राज्य उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में चल रहे हाइड्रल प्रोजेक्ट्स पर वाटर सेस पहले से ही लागू है। इन्हीं दोनों राज्यों की तर्ज पर हिमाचल की कांग्रेस सरकार ने यहां भी वाटर सेस लगाने का फैसला लिया है।
हिमाचल में छोटे-बड़े तकरीबन 175 हाइडल प्रोजेक्ट्स है। इन सभी पर वाटर सेस लगाने से सरकार के खजाने में करीब 1000 करोड़ रुपए जमा होंगे। सरकार वाटर सेस लगाने के लिए पहले ही एक अध्यादेश ला चुकी है। अब विधानसभा बजट सत्र में बिल लाकर इसका कानून बनाया जाएगा।