कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द कर दी गई है। लोकसभा सचिवालय की ओर से पत्र जारी कर इस बात की जानकारी दी गई है। मानहानि केस में सूरत की कोर्ट ने उन्हें 2 साल की सजा सुनाई थी। बता दें कि राहुल गांधी ने 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में एक रैली के दौरान कहा था कि, ‘चोरों का सरनेम मोदी है। सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है? चाहे वह ललित मोदी हो, नीरव मोदी या नरेंद्र मोदी।’ इस फैसले से पहले कांग्रेस समेत 14 विपक्षी दलों ने संसद और दिल्ली की सड़कों पर प्रोटेस्ट किया। विपक्षी दलों ने विजय चौक तक मार्च निकाला।
सदस्यता रद्द करने के फैसले के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि लोकतंत्र की हिफाजत के लिए अगर हमें जेल भी जाना पड़ा तो हम जाएंगे। दिल्ली में कांग्रेस दफ्तर पर भी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। पुलिस से झड़प भी हुई। कुछ कार्यकर्ताओं को हिरासत में भी लिया गया।
राहुल गांधी के समर्थन में पार्टी की ओर से सोशल मीडिया पर ‘डरो मत’ कैंपेन शुरू की गई है। पार्टी के ट्विटर हैंडल पर भी इसे लगाया गया है। पार्टी के कार्यकर्ता इसे शेयर कर रहे हैं। इसके अलावा पार्टी के प्रदर्शनों में भी इस नारे को तख्तियों और बैनर-पोस्टर पर प्रमुखता से उपयोग किया जा रहा है।
राहुल की सदस्यता रद्द करने पर कांग्रेस नेताओं के बयान भी सामने आ रहे हैं। मल्लिकार्जुन खड़गे का कहना है कि भाजपा ने राहुल को अयोग्य घोषित करने के लिए सभी तरीके आजमाए। जो सच बोल रहे हैं उन्हें वो पसंद नहीं करते, लेकिन हम सच बोलते रहेंगे।
वहीं प्रियंका गांधी का कहना है कि डरी हुई सत्ता की पूरी मशीनरी साम, दाम, दंड, भेद लगाकर राहुल गांधी की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है। मेरे भाई न कभी डरे हैं, न कभी डरेंगे। सच बोलते हुए जिये हैं, सच बोलते रहेंगे।
जयराम रमेश ने भी कहा कि हम राजनीतिक और कानूनी तौर पर लड़ाई लड़ेंगे। हमें चुप नहीं कराया जा सकता है, दबाया नहीं जा सकता। पीएम से जुड़े अडाणी के महाघोटाले पर जेपीसी बनाने की बजाय राहुल गांधी की सदस्यता रद्द की जा रही है।