राजस्थान में ट्रांसफर का इंतजार कर रहे तीसरी ग्रेड के अध्यापकों को इस साल राहत मिल सकती है। शिक्षा विभाग ने ट्रांसफर पॉलिसी में संशोधन कर डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल को भेज दिया है। ऐसे में ट्रांसफर से बैन हटने और डीओपी से स्वीकृति मिलने के बाद ट्रांसफर होंगे। बता दें कि पिछले साल शिक्षा विभाग द्वारा नई ट्रांसफर पॉलिसी तैयार कर कार्मिक विभाग को भेजी गई थी। लेकिन डीओपी ने पॉलिसी में संशोधन करने के लिए उसे लौटा दिया था। इसके बाद एजुकेशन डिपार्टमेंट की ओर से दूसरे राज्यों की ट्रांसफर पॉलिसी का अध्ययन कर संशोधित पॉलिसी को एक बार फिर डीओपी को भेजा है।
पिछले साल कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा की सीएम और मंत्रियों के साथ हुई फीडबैक बैठक में तीसरी ग्रेड के अध्यापकों के तबादले करने पर सहमति बनी थी। बैठक में सीएम अशोक गहलोत ने मंत्रियों के सुझाव आने के बाद शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला से तबादले करने को कहा था। गहलोत ने शिक्षा मंत्री से कहा कि जब सर्वसम्मति है, तो ये ट्रांसफर होने चाहिए और पहले की तरह ही हों। वहीं रंधावा ने शिक्षक तबादलों के लिए किसी भी तरह की नई पॉलिसी ना लाने का सुझाव भी दिया था।
वहीं राजस्थान शिक्षक संघ एकीकृत के प्रदेश अध्यक्ष गिरिराज शर्मा ने कहा कि प्रदेशभर में टीचर्स 10 साल से ट्रांसफर का इंतजार कर रहे हैं। कांग्रेस सरकार जब सत्ता में नहीं थी तब उन्होंने टीचर्स के ट्रांसफर का वादा किया था। लेकिन सरकार के आने के 4 साल बीत जाने के बाद भी टीचर्स का ट्रांसफर नहीं हो पाया।
राजस्थान में पिछले 12 साल में सिर्फ दो बार ट्रांसफर हुए हैं। वहीं, राजस्थान में पिछले साल अगस्त महीने में शाला दर्पण पर टीचर्स से ट्रांसफर के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे। जिसमें प्रदेश के 2.25 लाख टीचर्स में से 85 हजार ने अपने गृह जिले में आने के लिए आवेदन किया था। वहीं, ट्रांसफर पॉलिसी में फिर से बदलाव की तैयारी शुरू कर रहे शिक्षा विभाग के खिलाफ अब ग्रेड थर्ड टीचर्स ने आंदोलन की तैयारी शुरू कर दी है।