दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने दिल्ली में हो रहे DCW Awards कार्यक्रम में अपना दर्द बयां किया। स्वाति ने बताया कि बचपन में उनके पिता उनका यौन शोषण करते थे। इसकी वजह से वो अपने ही घर में डर कर रहती थी। स्वाति बताती हैं कि उनके पिता बिना वजह उन्हें पीटते थे। चोटी पकड़कर सिर दीवार पर टकरा देते थे। डर की वजह से वो कई रातें तो बिस्तर के नीचे छिपकर बिताई हैं।
स्वाति मालीवाल ने एक बयान में कहा कि ,’मुझे अभी तक याद है कि मेरे फादर मेरे साथ यौन शोषण करते थे। जब वो घर में आते थे तो मुझे बहुत डर लगता है। मैंने न जाने कितनी रातें बिस्तर के नीचे बिताई हैं। मैं डरकर, सहमकर कांपती रहती थी। उस वक्त मैं सोचती थी कि ऐसा क्या करूं जिससे इस तरह के सभी आदमियों को सबक सिखा सकूं।
मैं कभी नहीं भूल सकती कि मेरे फादर को इतना गुस्सा आता था कि वो कभी भी मेरी चोटी पकड़कर मुझे दीवार पर टकरा देते थे, खून बहता रहता था, बहुत तड़प महसूस होती थी। उस तड़प से मेरे मन में यही चलता रहता था कि कैसे इन लोगों को सबक सिखाऊं। मेरी जिंदगी में मेरी मां, मेरी मौसी, मौसाजी और मेरे नानी-नानाजी न होते तो मुझे नहीं लगता कि मैं बचपन के उस ट्रॉमा से बाहर निकल पाती। न ही आपके बीच में खड़े होकर इतने बड़े-बड़े काम कर पाती।
वो बताती हैं कि जब बहुत अत्याचार होता है तो बहुत बड़ा बदलाव भी आ जाता है। उस अत्याचार के कारण आपके भीतर एक आग जलती है, जिसे सही जगह लगा देने से बड़े-बड़े काम किये जा सकते हैं। आज हमारे साथ कई सशक्त महिलाएं मौजूद हैं, जिन्होंने अपनी समस्याओं का डटकर सामना किया है।’