मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने प्रवर्तन निदेशालय यानी ED के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। जनवरी में नेता प्रतिपक्ष को नोटिस भेजकर दिल्ली स्थित प्रवर्तन निदेशालय दफ्तर में पेश होने का समन जारी किया था। समन मिलने के बाद नेता प्रतिपक्ष ने प्रवर्तन निदेशालय को वकील के जरिए नोटिस भेजकर एक महीने में कारण बताने की मांग की थी। कोई जवाब न मिलने के बाद डॉ. गोविंद सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
सुप्रीम कोर्ट के वकील और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने बताया, नेता प्रतिपक्ष को ED की ओर से जो समन मिला था, उसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में उन्होंने रिट पिटीशन लगाई है। न्यायालय ने तीन दिन पहले कहा है कि इस मामले की तीन जज की बैंच सुनवाई करेगी। अगली सुनवाई के लिए जैसे ही तीन जज की बैंच बैठेगी, तो इस मामले की सुनवाई होगी।
ED मुख्यालय दिल्ली के प्रवर्तन निदेशालय के असिस्टेंट डायरेक्टर दीपक कुमार चुनबुक की ओर से नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह को नोटिस भेजा गया था। मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2002 के तहत नोटिस दिया था। इस नोटिस के मुताबिक डॉ. गोविंद सिंह को 27 जनवरी को सुबह 11 बजे ED मुख्यालय में पेश होना था। उन्होंने दफ्तर में पेश होने के बजाए वकील के जरिए नोटिस भेजकर समन भेजने का कारण पूछा, लेकिन उन्हें जवाब नहीं मिला।
नोटिस के बाद नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने जानकारी देते हुए बताया, डाक के जरिए 13 जनवरी को ED दिल्ली ने एक समन भेजा। जिसमें कोई कारण नहीं लिखा था। सिर्फ 27 जनवरी को सुबह 11 बजे ED के दफ्तर में पेश होने को कहा गया था। मैंने अपने वकील कपिल सिब्बल और विवेक तन्खा से राय ली। उन्होंने भी कहा कि ऐसा नोटिस पहले कभी नहीं देखा, जिसमें कोई कारण बताए बिना बुलाया गया हो। चुनाव से पहले कांग्रेस के नेताओं का मनोबल गिराने के लिए ED, CBI जैसी संस्थाओं ने अपना काम शुरू कर दिया है, लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं।