देशभर में H3N2 वायरस का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। राजस्थान की बात करें तो इस वायरस की चपेट में सबसे ज्यादा बच्चे आ रहे हैं, जिन्हें ठीक होने में 10 से 12 दिन लग रहे हैं। तबीयत बिगड़ने पर बच्चों को ICU में भर्ती करना पड़ रहा है। ये वायरस फ्लू श्रेणी का है, पर इसका असर कोरोना की तरह है। ये वायरस बुखार के साथ फेफड़ों को नुकसान पहुंचा रहा है। एक्सपट्र्स की मानें तो ओपीडी में आने वाला हर तीसरा मरीज H3N2 वायरस का शिकार है। मरीजों में तेज बुखार के बाद खांसी की शिकायत ज्यादा आ रही है।
SMS मेडिकल कॉलेज जयपुर में जनरल मेडिसिन डिपार्टमेंट के सीनियर प्रोफेसर डॉ. पुनीत सक्सेना बताते हैं कि ओपीडी में हर तीसरा मरीज तेज खांसी-बुखार की शिकायत लेकर आ रहा है। इसमें अधितर मामले H3N2 के अलावा एडिनोवायरस, पैरा इन्फ्लूएंजा वायरस के हैं। यह वायरस मौसम में बदलाव के साथ एक्टिव होते हैं और तेजी से स्प्रैड हो रहे हैं। इसमें 3-4 दिन तक बुखार रहता है, लेकिन कुछ केसों में 6-7 दिन तक भी बुखार ठीक नहीं होता। हालांकि राहत की बात ये है कि जितने भी मरीज वायरस की चपेट में हैं, उसमें 95 फीसदी हल्के लक्षण वाले हैं। हालांकि कुछ मरीजों में निमोनिया जैसी कंडीशन है।
H3N2 वायरस आखिर है क्या?
H3N2 वायरस एक प्रकार का इन्फ्लूएंजा वायरस है, जिसे इन्फ्लूएंजा ए वायरस कहा जाता है। यह एक सांस रिलेटेड वायरल इन्फेक्शन है जो हर साल बीमारियों का कारण बनता है।
कितने दिनों में उतरता है बुखार?
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की माने तो इन्फेक्शन के लक्षण पांच से सात दिनों तक बने रहते हैं। H3N2 से होने वाला बुखार तीन दिनों में उतर जाता है। लेकिन खांसी तीन हफ्ते से ज्यादा दिनों तक बनी रहती है।
अक्सर कई मरीज डॉक्टरों को दिखाए बिना मेडिकल स्टोर पर जाकर दवाइयां लेकर ठीक होने की कोशिश करते हैं। पर मरीजों को डॉक्टर को दिखाने और जांच करवाने के बाद ही दवाइयां लेनी चाहिए।